डायरिया या दस्त :-
डायरिया आमतौर पर वायरस और बैक्टीरिया या कभी-कभी दूषित भोजन और पानी के कारण होती है। यह एक बहुत ही सामान्य बीमारी है, जो ज्यादातर लोगों में हर साल कई बार होती है। दस्त होने पर आपका मल ढीला और पानी जैसा होता है | ज्यादातर मामलों में, कारण अज्ञात होता है और कुछ दिनों के बाद यह अपने आप दूर हो जाता है। निर्जलीकरण दस्त का एक खतरनाक दुष्प्रभाव है। आइये समझते है दस्त होने के क्या कारण हो सकतें हैं और इनका प्राकर्तिक उपचार क्या हैं |
दस्त होने के कारण:-
- दस्त आमतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण (gastrointestinal infection) का एक लक्षण है और यह विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी के कारण हो सकता है।
- दस्त के मुख्य लक्षणों में मल त्याग, तरल मल, पानी से भरा मल, सूजन, ऐंठन, उल्टी, निर्जलीकरण आदि शामिल होता हैं।
- गंभीर दस्त में आंतों के मार्ग से अत्यधिक तरल पदार्थ का नुकसान हो सकता है।
- बासी खाना और दूषित पानी पीने से पाचन क्रिया में इन्फेक्शन होने से ये समस्या उत्पन्न होती है |
- जंक फ़ूड खाने से भी दस्त की समस्यां उत्पन्न होती है |
- बहुत ज्यादा मिर्च मसाला और तेलिये खाना खाने से भी दस्त हो सकते है |
- अधिक मात्रा में मीठा खाने से भी ये समस्या होती है |
- अस्वस्थ खाना, ख़राब पाचन क्रिया और देर रात किआ गया भोजन दस्त जैसी समस्यां को तो उत्पन करता ही है साथ ही अन्य बिमारियों को भी बुलावा देता है |
- अस्वस्थ जीवनशैली भी इन समस्याओं का कारण बन सकती है |
कुछ प्राकृतिक उपचार :-
- नमक चीनी का घोल:- इस घोल के सेवन से दस्त में जल्दी आराम पड़ता है और शरीर में आई कमजोरी को भी दूर करता है | इस घोल को तैयार करने के लिए पानी में चीनी और नमक की बराबर मात्रा को रखना होता है और थोड़ी थोड़ी देर में पीना होता है क्यूंकि शरीर में दस्त के कारण जो कमजोरी आई है उसे नियंत्रण में किआ जाए |
- जीरे का पानी :- जीरे का पानी पीने से दस्त में जल्दी राहत मिलती है | इस पानी को तैयार करने के लिए १ लीटर पानी में १ चमच जीरा डालकर उबालें और इसे तबतक उबाल दें जबतक की यह आधा न रह जाए | उसके बाद इसे ठंडा करके थोड़ी थोड़ी देर में पीएं |
- नारियल पानी :- नारियल के पानी में पोटैशियम, सोडियम,कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी जैसे पोषक तत्त्व होते हैं जो की हमारे शरीर की पाचन शक्ति और इम्युनिटी को बनाए रखने में कारगर होते हैं और उल्टी, दस्त में राहत दिलाता है |
- केला :- केले में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं | इसमें पाए जाने वाले तत्त्व पेक्टिन दस्त के लिए काफी अच्छा होता है| बार बार दस्त जाने से इलेक्ट्रोलाइट्स कम हो जातें हैं इसलिए पोटैशियम का सेवन इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है |
- कच्चा सेब खाने से कब्ज दूर होता है और पके सेब खाने से दस्त दूर होते हैं।
- सेब पेक्टिन से भरपूर होते हैं, जो फलों और सब्जियों में पाया जाने वाला एक अनूठा फाइबर है।
- नैदानिक अनुभव ने साबित कर दिया है कि बिना गरम किया हुआ पेक्टिन मल को नरम कर सकता है और कब्ज से राहत दिला सकता है।हालांकि, गर्म पेक्टिन आंतों को सिकोड़ सकता है और मल में नमी को कम कर सकता है, इसमें कसैले और एंटीडायरेहियल प्रभाव होते हैं, और दस्त के लक्षणों को प्रभावी ढंग से दूर कर सकते हैं।
- पके हुए सेब केवल हल्के से मध्यम दस्त के लिए उपयुक्त हैं। जब दस्त गंभीर होता है, तब भी आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है।
1 Comments
Very nice article.
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